बांसवाड़ा का स्वर्ण दिवस 1 नवंबर : श्रीमती इंदिरा गांधी ने माही जल-प्रवाह शुभारंभ करके वागड़ की तस्वीर और तकदीर बदल दी!
बांसवाड़ा का स्वर्ण दिवस 1 नवंबर : श्रीमती इंदिरा गांधी ने माही जल-प्रवाह शुभारंभ करके वागड़ की तस्वीर और तकदीर बदल दी!
नई दिल्ली. देश के इतिहास में 1 नवंबर 1983 वह महत्वपूर्ण तारीख है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने बटन दबाकर दक्षिण राजस्थान की तस्वीर और तकदीर बदलने की शुरुआत कर दी.
देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1 नवंबर 1983 को दक्षिण राजस्थान की सबसे बड़ी माही परियोजना की नहरों में जल-प्रवाह का शुभारंभ किया था.
माही परियोजना की परिकल्पना में जहां बांसवाड़ा के पहले प्रधानमंत्री भूपेंद्रनाथ त्रिवेदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही, तो इसे शुरू कराने में वागड़ के प्रमुख आदिवासी नेता भीखाभाई का विशेष योगदान रहा, जबकि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने इसे बुलंदियों पर पहुंचाया.
पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने यहां माही परियोजना के जल प्रवाह का शुभारंभ किया, तो इस क्षेत्र को सबसे अधिक समय देनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने माही परियोजना के विस्तार को नई ऊंचाइयां दी.
माही परियोजना से पहले दक्षिण राजस्थान की तस्वीर कैसी थी और माही परियोजना शुरु होने के बाद वागड़ की तस्वीर और तकदीर कैसी बदली है, इसकी झलक दिखाती है- माही दर्शन फिल्म.
माही परियोजना के तत्कालीन मुख्य अभियंता डीएम सिंघवी के मुख्य निर्देशन में तैयार फिल्म माही दर्शन की स्क्रीप्ट लिखी और आवाज दी है- पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के निर्देशक प्रदीप द्विवेदी ने, इसका फिल्मांकन किया है सेटेलाइट स्टूडियों के साहले सईद ने, तो इसका संपादन किया है पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के अभिनेता भंवर पंचाल ने, जबकि तत्कालीन जनसंपर्क अधिकारी पन्नालाल मेघवाल ने इसके संवाद लिखे हैं.
वर्ष 1986 में बनी माही दर्शन फिल्म के निर्माण में अनेक व्यक्तियों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष योगदान रहा है जिनमें तत्कालीन जनसंपर्क अधिकारी गोपेन्द्रनाथ भट्ट, माही परियोजना के तत्कालीन प्रमुख अभियंतागण शमशेर सिंह, जेपी भाटिया, सीबी माथुर, एमएल जैन, टीएन सक्सैना, आईसी अरोड़ा, बीएस माथुर, शैलेंद्र उपाध्याय, जगन्नाथ तैली आदि प्रमुख हैं!
माही परियोजना की परिकल्पना में जहां बांसवाड़ा के पहले प्रधानमंत्री भूपेंद्रनाथ त्रिवेदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही, तो इसे शुरू कराने में वागड़ के प्रमुख आदिवासी नेता भीखाभाई का विशेष योगदान रहा, जबकि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने इसे बुलंदियों पर पहुंचाया.
पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने यहां माही परियोजना के जल प्रवाह का शुभारंभ किया, तो इस क्षेत्र को सबसे अधिक समय देनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने माही परियोजना के विस्तार को नई ऊंचाइयां दी.
माही परियोजना से पहले दक्षिण राजस्थान की तस्वीर कैसी थी और माही परियोजना शुरु होने के बाद वागड़ की तस्वीर और तकदीर कैसी बदली है, इसकी झलक दिखाती है- माही दर्शन फिल्म.
माही परियोजना के तत्कालीन मुख्य अभियंता डीएम सिंघवी के मुख्य निर्देशन में तैयार फिल्म माही दर्शन की स्क्रीप्ट लिखी और आवाज दी है- पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के निर्देशक प्रदीप द्विवेदी ने, इसका फिल्मांकन किया है सेटेलाइट स्टूडियों के साहले सईद ने, तो इसका संपादन किया है पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के अभिनेता भंवर पंचाल ने, जबकि तत्कालीन जनसंपर्क अधिकारी पन्नालाल मेघवाल ने इसके संवाद लिखे हैं.
वर्ष 1986 में बनी माही दर्शन फिल्म के निर्माण में अनेक व्यक्तियों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष योगदान रहा है जिनमें तत्कालीन जनसंपर्क अधिकारी गोपेन्द्रनाथ भट्ट, माही परियोजना के तत्कालीन प्रमुख अभियंतागण शमशेर सिंह, जेपी भाटिया, सीबी माथुर, एमएल जैन, टीएन सक्सैना, आईसी अरोड़ा, बीएस माथुर, शैलेंद्र उपाध्याय, जगन्नाथ तैली आदि प्रमुख हैं!
आइए, देखते हैं वर्ष 1986 में बनी फिल्म माही दर्शन.....
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