दैनिक नवशोभ, 27 अगस्त 2024....

 

RohiniVrat आज का दिनः मंगलवार, 27 अगस्त 2024, जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के लिए रोहिणी व्रत सर्वोत्तम है!


- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)

* धार्मिक धारणा के अनुसार 27 नक्षत्रों में से एक प्रमुख नक्षत्र- रोहिणी का व्रत पारिवारिक सुख और आर्थिक तनाव से मुक्ति प्रदान करता है.
* एक निश्चित समयावधि के लिए संकल्प लेकर प्रतिमाह यह व्रत किया जाता है.
* जिस दिन रोहिणी नक्षत्र प्रभावी होता है, उस दिन रोहिणी व्रत किया जाता है.
* इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखता है और जाने-अनजाने हुई गलतियों, अपराधों आदि के लिए भी क्षमा मांगता है.
* जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के लिए रोहिणी व्रत सर्वोत्तम है.
* रोहिणी व्रत - 2024....
27 अगस्त 2024, मंगलवार
23 सितम्बर 2024, सोमवार
20 अक्टूबर 2024, रविवार
17 नवंबर 2024, रविवार
14 दिसम्बर 2024, शनिवार

श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया : 27 अगस्त 2024


श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 27 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
दही हाण्डी, रोहिणी व्रत
* शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081
* अमान्त महीना श्रावण, पूर्णिमान्त महीना भाद्रपद
* वार मंगलवार, पक्ष कृष्ण, तिथि नवमी - 01:33, (28 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र रोहिणी - 15:38 तक, योग हर्षण - 20:31 तक, करण तैतिल - 13:52 तक, द्वितीय करण गर - 01:33, (28 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि वृषभ - 03:41, (28 अगस्त 2024) तक
* राहुकाल 15:44 से 17:19
* अभिजित मुहूर्त 12:08 से 12:59

मंगलवार चौघड़िया 20 अगस्त 2024 

* दिन का चौघड़िया
रोग - 06:12 से 07:48
उद्वेग - 07:48 से 09:23
चर - 09:23 से 10:58
लाभ - 10:58 से 12:33
अमृत - 12:33 से 14:09
काल - 14:09 से 15:44
शुभ - 15:44 से 17:19
रोग - 17:19 से 18:54

* रात्रि का चौघड़िया
काल - 18:54 से 20:19
लाभ - 20:19 से 21:44
उद्वेग - 21:44 से 23:09
शुभ - 23:09 से 00:34
अमृत - 00:34 से 01:58
चर - 01:58 से 03:23
रोग - 03:23 से 04:48
काल - 04:48 से 06:13

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

आज का दिन....


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