दैनिक नवशोभ, 25 अगस्त 2024....


खबर है कि....

#SupremeCourt जज विक्रम नाथ- हमारे काम को देखो, हमारे वस्त्र न देखो, हमारी आत्मा उजली है केवल वस्त्र काला है!


* अभिमनोज

यूपी बार कौंसिल के कार्यक्रम में बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा- अदालत सूर्य है वो न्याय का जिससे उजाला है, मुसीबत जब पड़ी है मुल्क पर इसने संभाला है, हमारे काम को देखो, हमारे वस्त्र न देखो, हमारी आत्मा उजली है केवल वस्त्र काला है.
खबर है कि.... प्रशासनिक भवन के शिलापट्ट का अनावरण हुआ, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और बार कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
इस अवसर पर मौजूद यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने प्रशासनिक भवन की खूबियां अतिथियों को बताते हुए कहा कि- इस भवन के बनने से रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले अधिवक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने इस अवसर पर सलाह दी कि- अधिवक्ताओं की हड़ताल न केवल न्याय प्रक्रिया को लंबा खींचती है, बल्कि इससे समाज का भी नुकसान होता है, ऐसे में अधिवक्ताओं को छोटी-छोटी बातों और मुद्दों पर हड़ताल करने से बचना चाहिए.
इस मौके पर- पेशे में नैतिकता और समाज के प्रति अधिवक्ताओं की भूमिका विषयक सेमीनार का आयोजन भी किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि- अधिवक्ता शार्टकट न अपनाएं, ईमानदारी के साथ अपने न्यायिक कार्य को करें, तभी सफलता मिलेगी, साथ ही उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए भी बार कौंसिल को प्रयास करने के लिए कहा, इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि- महिलाएं अब किसी से कम नहीं है, न्यायिक सेवा में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है, यह अच्छी बात है.
खबरों की मानें तो.... 
https://palpalindia.com/2024/08/24/delhi-Supreme-Court-Justice-Justice-Vikram-Nath-Look-at-our-work-not-look-at-our-clothes-Allahabad-High-Court-Chief-Justice-Arun-Bhasali.html

#SheetalaSatam आज का दिनः 25 अगस्त 2024 
शीतला माता देती हैं जीवन में सुख-शांति, कार्तिगाई दीपम्, भानु सप्तमी! 

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी 
(व्हाट्सएप- 8302755688) -

* शीतला सातम - रविवार, 25 अगस्त 2024
* शीतला सातम पूजा मुहूर्त - 06:12 से 18:56
* सप्तमी तिथि प्रारम्भ - 25 अगस्त 2024 को 05:30 बजे
* सप्तमी तिथि समाप्त - 26 अगस्त 2024 2024 को 03:39 बजे


शीतला माता की पूजा कुछ क्षेत्रों सप्तमी पर तो कुछ क्षेत्रों में अष्टमी पर होती है लेकिन दोनों का ही उद्देश्य जीवन में सुख-शांति की कामना है! 
* वैसे तो देश के हर क्षेत्र में शीतला माता के मंदिर हैं, लेकिन गुड़गांव का शीतला माता मंदिर विख्यात है जहां नवरात्रि के अवसर पर तो भक्तों की भारी भीड़ रहती है. 
* देश के कोने-कोन से श्रद्धालु यहां मन्नत मांगने आते हैं. शीतला माता का यह मंदिर देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है.
* यहां प्रतिवर्ष दो बार एक-एक महीने का मेला लगता है. शीतला माता मंदिर महाभारत काल से जुड़ा है. 
* तब से अब तक गुड़गांव में भारतवंशियों के कुलगुरु कृपाचार्य की पत्नी गुरुमां... शीतला देवी की पूजा-अर्चना होती है. तकरीबन पांच सौ वर्षों से यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. 
* ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा-अर्चना-मानता से माता के प्रकोप से शांति मिलती है. 
* गुड़गांव का शीतला माता मंदिर मुख्य बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास ही है.
शीतला चालीसा
॥ दोहा ॥
जय-जय माता शीतला,तुमहिं धरै जो ध्यान।
होय विमल शीतल हृदय,विकसै बुद्धि बलज्ञान॥
॥ चौपाई ॥
जय-जय-जय शीतला भवानी।जय जग जननि सकल गुणखानी॥
गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित।पूरण शरदचन्द्र समसाजित॥
विस्फोटक से जलत शरीरा।शीतल करत हरत सब पीरा॥
मातु शीतला तव शुभनामा।सबके गाढ़े आवहिं कामा॥
शोकहरी शंकरी भवानी।बाल-प्राणरक्षी सुख दानी॥
शुचि मार्जनी कलश करराजै।मस्तक तेज सूर्य समराजै॥
चौसठ योगिन संग में गावैं।वीणा ताल मृदंग बजावै॥
नृत्य नाथ भैरो दिखरावैं।सहज शेष शिव पार ना पावैं॥
धन्य-धन्य धात्री महारानी।सुरनर मुनि तब सुयश बखानी॥
ज्वाला रूप महा बलकारी।दैत्य एक विस्फोटक भारी॥
घर-घर प्रविशत कोई न रक्षत।रोग रूप धरि बालक भक्षत॥
हाहाकार मच्यो जगभारी।सक्यो न जब संकट टारी॥
तब मैया धरि अद्भुत रूपा।करमें लिये मार्जनी सूपा॥
विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्ह्यो।मुसल प्रहार बहुविधि कीन्ह्यो॥
बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा।मैया नहीं भल मैं कछु चीन्हा॥
अबनहिं मातु, काहुगृह जइहौं।जहँ अपवित्र सकल दुःख हरिहौं॥
भभकत तन, शीतल ह्वै जइहैं।विस्फोटक भयघोर नसइहैं॥
श्री शीतलहिं भजे कल्याना।वचन सत्य भाषे भगवाना॥
विस्फोटक भय जिहि गृह भाई।भजै देवि कहँ यही उपाई॥
कलश शीतला का सजवावै।द्विज से विधिवत पाठ करावै॥
तुम्हीं शीतला, जग की माता।तुम्हीं पिता जग की सुखदाता॥
तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी।नमो नमामि शीतले देवी॥
नमो सुक्खकरणी दुःखहरणी।नमो-नमो जगतारणि तरणी॥
नमो-नमो त्रैलोक्य वन्दिनी।दुखदारिद्रादिक कन्दिनी॥
श्री शीतला, शेढ़ला, महला।रुणलीह्युणनी मातु मंदला॥
हो तुम दिगम्बर तनुधारी।शोभित पंचनाम असवारी॥
रासभ, खर बैशाख सुनन्दन।गर्दभ दुर्वाकंद निकन्दन॥
सुमिरत संग शीतला माई।जाहि सकल दुख दूर पराई॥
गलका, गलगन्डादि जुहोई।ताकर मंत्र न औषधि कोई॥
एक मातु जी का आराधन।और नहिं कोई है साधन॥
निश्चय मातु शरण जो आवै।निर्भय मन इच्छित फल पावै॥
कोढ़ी, निर्मल काया धारै।अन्धा, दृग-निज दृष्टि निहारै॥
वन्ध्या नारि पुत्र को पावै।जन्म दरिद्र धनी होई जावै॥
मातु शीतला के गुण गावत।लखा मूक को छन्द बनावत॥
यामे कोई करै जनि शंका।जग मे मैया का ही डंका॥
भनत रामसुन्दर प्रभुदासा।तट प्रयाग से पूरब पासा॥
पुरी तिवारी मोर निवासा।ककरा गंगा तट दुर्वासा॥
अब विलम्ब मैं तोहि पुकारत।मातु कृपा कौ बाट निहारत॥
पड़ा क्षर तव आस लगाई।रक्षा करहु शीतला माई॥
॥ दोहा ॥
घट-घट वासी शीतला,शीतल प्रभा तुम्हार।
शीतल छइयां में झुलई,मइया पलना डार॥
॥ श्री शीतला माता की आरती ॥
जय शीतला माता,मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानीसब फल की दाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
रतन सिंहासन शोभित,श्वेत छत्र भाता।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर डोलावें,जगमग छवि छाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
विष्णु सेवत ठाढ़े,सेवें शिव धाता।
वेद पुराण वरणतपार नहीं पाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
इन्द्र मृदङ्ग बजावतचन्द्र वीणा हाथा।
सूरज ताल बजावैनारद मुनि गाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
घण्टा शङ्ख शहनाईबाजै मन भाता।
करै भक्त जन आरतीलखि लखि हर्षाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
ब्रह्म रूप वरदानीतुही तीन काल ज्ञाता।
भक्तन को सुख देतीमातु पिता भ्राता॥
ॐ जय शीतला माता...।
जो जन ध्यान लगावेप्रेम शक्ति पाता।
सकल मनोरथ पावेभवनिधि तर जाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
रोगों से जो पीड़ित कोईशरण तेरी आता।
कोढ़ी पावे निर्मल कायाअन्ध नेत्र पाता॥
ॐ जय शीतला माता...।
बांझ पुत्र को पावेदारिद्र कट जाता।
ताको भजै जो नाहींसिर धुनि पछताता॥
ॐ जय शीतला माता...।
शीतल करती जन कीतू ही है जग त्राता।
उत्पत्ति बाला बिनाशनतू सब की माता॥
ॐ जय शीतला माता...।
दास नारायणकर जोरी माता।
भक्ति आपनी दीजैऔर न कुछ माता॥
ॐ जय शीतला माता...।

महादेव का महामान है- कार्तिगाई दीपम्!



* दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है- कार्तिगाई दीपम्, जिसे दक्षिण भारतीय हिन्दू लंबे समय से मनाते आ रहे हैं. 
* इस अवसर पर श्रद्धालु शाम को अपने घरों और आसपास तेल के दीपक जलाकर खुशियां मनाते हैं. 
* कार्तिकाई दीपम का नाम कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया है, इसलिए इसे कार्तिकाई कहा जाता है क्योंकि इस दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रबल होता है. 
* धर्मधारणा के अनुसार भगवान श्रीविष्णु और ब्रह्मा के समक्ष अपनी अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए भगवान शिव ने स्वयं को प्रकाश की अनन्त ज्योत में बदल लिया था, इसलिए कार्तिगाई दीपम भगवान शिव की सर्वोच्च सत्ता के सम्मान के रूप में मनाया जाता रहा है.  
* धर्म में दीपक का विशेष महत्व है क्योंकि यह अंधकार की नकारात्मकता को दूर करता है और यदि अखंड दीपक प्रज्वलित किया जाए तो पूजा-साधना के शुभ परिणाम शीघ्र प्राप्त होते हैं! 
कार्तिगाई दीपम के अवसर पर कुछ विशेष पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं....
* दीपदान- घरों और मंदिरों में दीप जलाते हैं.
* पूजा- भगवान शिवजी और भगवान श्रीविष्णु की पूजा करते हैं.
* अभिषेक- भगवान शिवजी को जल, दूध, गंगाजल से अभिषेक करते हैं.
* अर्चना- भगवान शिवजी और भगवान श्रीविष्णु को फूल, फल, पूजन सामग्री अर्पित करते हैं.
* भजन, कीर्तन-ः भगवान शिवजी और भगवान श्रीविष्णु के भजन-कीर्तन करते हैं.

भगवान भास्कर की आराधना से मिलेगी प्रतिष्ठा! 


भानु सप्तमी को धर्मग्रंथों में बड़ा ही पवित्र दिन माना गया है। 
* रविवार के दिन सप्तमी तिथि होती है तो भानु सप्तमी कहलाती है। 
* इस अवसर पर भगवान भास्कर के निमित्त व्रत करते हुए उनकी उपासना करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
* ताम्र के कलश में शुद्ध पवित्र जल भरकर तथा उसमें लाल चंदन, अक्षत, लाल रंग के फूल आदि डालकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देना चाहिए।
* धर्मशास्त्रों में भानु सप्तमी के पर्व को सूर्य ग्रहण के समान प्रभावी बताया गया है, इसलिए इस दिन जप, होम, दान आदि करने पर उसका अनन्त शुभ फल प्राप्त होता है।
* जिनकी जन्म पत्रिका में सूर्यदेव अकारक हैं उन्हें इस अवसर पर गेहूं, स्वर्ण, गुड़ आदि का दान करना चाहिए।
* कार्य-व्यवसाय में प्रगति के लिए 1, 10, 19 और 28 जन्म दिनांक वालों को बंदरों को गुड़-चना देना चाहिए.
॥आरती श्री सूर्यदेव॥
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल - सुकर्म - प्रसविता,सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

#Sunday श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया : 25 अगस्त 2024


श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 25 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार रविवार, पक्ष कृष्ण, तिथि सप्तमी - 03:39, (26 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र भरणी - 16:45 तक, योग ध्रुव - 00:29, (26 अगस्त 2024) तक, करण विष्टि - 16:30 तक, द्वितीय करण बव - 03:39, (26 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि मेष - 22:29 तक
* राहुकाल 17:21 से 18:56
* अभिजीत मुहूर्त 12:09 से 13:00

रविवार चौघड़िया 25 अगस्त 2024.... 

* दिन का चौघड़िया
उद्वेग - 06:12 से 07:47
चर - 07:47 से 09:23
लाभ - 09:23 से 10:58
अमृत - 10:58 से 12:34
काल - 12:34 से 14:10
शुभ - 14:10 से 15:45
रोग - 15:45 से 17:21
उद्वेग - 17:21 से 18:56

* रात्रि का चौघड़िया
शुभ - 18:56 से 20:21
अमृत - 20:21 से 21:45
चर - 21:45 से 23:10
रोग - 23:10 से 00:34
काल - 00:34 से 01:59
लाभ - 01:59 से 03:23
उद्वेग - 03:23 से 04:48
शुभ - 04:48 से 06:12

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

आज का दिन....
https://palpalindia.com/aajkadin.php

विद्यार्थियों को नियमित शिक्षण से जोड़ें तथा विद्यालय को साधन संपन्न बनाएं- डॉ. इंद्रजीत यादव


बांसवाड़ा. 
जिला कलेक्टर डॉक्टर इंद्रजीत यादव ने कहा है कि- विद्यालयों में विद्यार्थी नियमित शिक्षण से जुड़े तथा विद्यालय साधन संपन्न बने इस बाबत समग्र प्रयास किए जाएं ताकि बेहतर परिणाम अर्जित करना संभव हो सकेl 
जिला कलेक्टर सभागार में आयोजित जिला स्तरीय शिक्षा विभागीय निष्पादन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ यादव ने कहा कि विद्यालयों के भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ स्कूलों में साफ सफाई, विशेषकर छतो की साफ सफाई करवाई जाए ताकि भवनों के बारे में सुरक्षा के पूर्व उपाय पूर्ण हो सकेl उन्होंने कहा कि जहां पर कमरों की आवश्यकता है इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर विभाग स्तर पर भिजवाया जाए साथ ही आवश्यकता अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के प्रस्ताव भी तैयार कर भिजवाया जाएl उन्होंने नवाचारों के माध्यम से विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को प्रभावी बनाने तथा स्कूल से विद्यार्थियों के नियमित जुड़ाव पर जोर दिया l जिला कलेक्टर ने बैठक के दौरान प्रवेश कार्यक्रम की प्रगति, शाला संबलन, जिला स्तरीय खेलकूद, नवीन शिक्षा नीति, नवभारत साक्षरता कार्यक्रम सहित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रगति बाबत आवश्यक दिशा निर्देश दिएl उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रतिनिधि अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर विद्यालयों के विकास में उन्हें भी सहभागी बनने का प्रयास करें l
बैठक के आरंभ में सभी का स्वागत करते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी शंभूलाल नायक ने बैठक के बिंदुओं की जानकारी दी l
बैठक में एडीपीसी सुशील कुमार जैन विभिन्न ब्लॉक के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुखदेव मीणा, नवीन चंद्र मीणा, श्रीमती रेखा रोत, गायत्री स्वर्णकार, जयदीप पुरोहित, गोपालकृष्ण जोशी, महेंद्र समाधिया, समग्र शिक्षा के सहायक निदेशक भरत पंड्या, एपीसी धर्मेंद्र सिंह चारण,  कार्यवाहक  सीबीईओ भीमजी सुरावत, धनजी डामोर सहित ब्लॉक के एसीबीईओ संदीप त्रिवेदी, सुरेश चंद्र पाटीदार, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक दलसिंह आमलीयार, डाइट प्रतिनिधि जेपी नागर, जिला साक्षरता अधिकारी निरंजन द्विवेदी सहित विभागीय प्रतिनिधि मौजूद रहे l 
एडीपीसी सुशील कुमार जैन ने बताया कि जिले के 192 विद्यालयों में दो-दो स्मार्ट क्लास रूम कुल 386 स्मार्ट क्लास रूम की स्वीकृति मिली है जिन से संबंधित प्रक्रिया 22 अगस्त से 10 सितंबर तक पूर्ण की जाएगीl उन्होंने कहा कि 6 ब्लॉक के मॉडल स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था के लिए समस्त सीबीईओ प्रति विद्यालय तीन-तीन शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करेंl जैन ने विभिन्न विद्यालयों में वर्क बुक वितरण कार्य की निगरानी कर ऑनलाइन प्रविष्टियां पूर्ण करने का आग्रह किया l
सीबीईओ अरथुना सुखदेव मीणा, घाटोल नवीन चंद्र मीणा, बांसवाड़ा श्रीमती रेखा रोत, सज्जनगढ़ जयदीप पुरोहित,बागीदौरा गोपाल कृष्ण जोशी, गढ़ी महेन्द्र समाधियां, छोटी सरवन श्रीमती गायत्री स्वर्णकार कार्यवाहक सीबीईओ कुशलगढ़ भीमजी सुरावत, गांगड़तलाई धनजी डामोर, एसीबीईओ तलवाड़ा संदीप त्रिवेदी आदि ने ब्लॉक प्रगति की जानकारी दी l
जिला साक्षरता अधिकारी  निरंजन द्विवेदी ने नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य पूर्ण करवाने एवं प्रथम मूल्यांकन के दृष्टिगत आवश्यक तैयारी करने का आग्रह किया l
समग्र शिक्षा के सहायक निदेशक भरत पंड्या ने विभाग निर्धारित रैंकिंग के विभिन्न बिंदुओं की प्रगति जानकारी दी l समग्र शिक्षा के एपीसी धर्मेंद्र सिंह चारण ने समग्र शिक्षा की विभिन्न योजनाओं की क्रियान्विति पर प्रकाश डालाl 
बैठक में आनंदपुरी आरपी परमेश्वर पाटीदार,  उपजिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा बापूलाल माली, कार्यक्रम अधिकारी प्रियंका जोशी, आरपी विनीत शुक्ला, विभागीय प्रतिनिधि चेतन आदि मौजूद रहे l

स्मृतिशेष : नहीं रहे पूर्व प्रधान नटवरलाल त्रिवेदी!


बांसवाड़ा. प्रमुख समाजसेवी, पंचायत समिति बांसवाड़ा के पूर्व प्रधान एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे नटवरलाल विनायक प्रसाद त्रिवेदी का शनिवार दोपहर उनके निवास पर निधन हो गया.
लंबे समय से बीमार रहे त्रिवेदी ने उनके बांसवाड़ा स्थित घर पर अंतिम सांस ली. उनका कागदी पिकअप वियर स्थित मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार उनके पुत्र पंकज, मुकेश एवं मनीष त्रिवेदी ने किया. त्रिवेदी के निधन पर ऑल इंडिया ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव पं. पदम प्रकाश शर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ललित एम त्रिवेदी, राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महामंत्री मधुसूदन शर्मा, प्रदेश कार्यकरिणी पदाधिकारी मोहनलाल पंड्या, शिवशंकर पालीवाल, मदन पण्डित, जिला संरक्षक चंदूलाल उपाध्याय, जिला अध्यक्ष सुधीर चौबीसा, महामंत्री महेश पंड्या एवम् विजयकृष्ण वैष्णव, वरिष्ठ समाजसेवी देवकीनंदन जोशी, अखिल भारतीय औदीच्य महासभा, सहस्त्र औदीच्य समाज तलवाड़ा सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों और वरिष्ठ राजनीतिक प्रतिनिधियों ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी.
आजादी के बाद बांसवाड़ा के पहले प्रधानमंत्री रहे भूपेंद्रनाथ त्रिवेदी के भतीजे और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के प्रमुख सहयोगी रहे नटवरलाल त्रिवेदी ने बांसवाड़ा के विकास कार्यों के लिए यथाशक्ति सक्रिय रहकर के इस क्षेत्र को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है!

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