#Pradosh आज का दिनः 1 अगस्त 2024 , गुरुवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है ! https://palpalindia.com/aajkadin.php - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688) * प्रदोष व्रत - 1 अगस्त 2024, गुरुवार (रात्रि 07:10 से 09:16) * कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ - 03:28 पीएम, 1 अगस्त 2024 * कृष्ण त्रयोदशी समाप्त - 03:26 पी एम, 2 अगस्त 2024 * शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है। * भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं! * प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। * शिवोपासना में दुर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से... नमः: शिवाय का जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं। * सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है। * प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करन
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अभिनंदन-वंदन कार्यक्रम : नव नियुक्त राज्यपाल एवं निवर्तमान राज्यपाल, मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर रात्रि भोज में हुए शामिल जयपुर. प्रदेश के नव नियुक्त राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे़ एवं निवर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विशेष आमंत्रण पर मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित अभिनंदन-वंदन कार्यक्रम के तहत रात्रि भोज में शामिल हुए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वागत संबोधन में कहा कि हरिभाऊ किसनराव बागडे़ का प्रदेश के नए राज्यपाल के रूप में दायित्व ग्रहण करना हमारे लिए प्रसन्न्ता का क्षण है एवं जन सेवा का उनका व्यापक अनुभव प्रदेश के विकास में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर हमारी सरकार खरा उतरने में सफल रहेगी। श्री शर्मा ने निवर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों, विधानसभा, विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की शुरुआत, संविधान पार्क एवं संविधान वाटिकाओं की स्थापना के साथ ही वि
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#Ekadashi आज का दिनः 31 जुलाई 2024 , एकादशी व्रत-पूजा से मिलता है भौतिक सुख... - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688) * कामिका एकादशी - बुधवार, 31 जुलाई 2024 * पारण का समय - 06:02 से 08:41, 1 अगस्त 2024 * पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 15:28 * एकादशी तिथि प्रारम्भ - 30 जुलाई 2024 को 16:44 बजे * एकादशी तिथि समाप्त - 31 जुलाई 2024 को 15:55 बजे * भौतिक सुख प्राप्ति हेतु श्रीविष्णुदेव की आराधना के लिए नियमित रूप से किए जाने वाले व्रतों में एकादशी का सर्वाधिक महत्व है. * भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए यह व्रत किया जाता है. * एक वर्ष में कुल चौबीस एकादशी होती हैं, जिस वर्ष अधिक मास होता है उस वर्ष कुल छब्बीस एकादशी होती हैं. * सभी एकादशियां अलग-अलग नामों से जानी जाती हंै तथा इनका अलग-अलग महत्व भी होता है. * एकादशी व्रत के दिन भोजन नहीं किया जाता है, चाहे तो फलाहार ग्रहण कर सकते हैं. * प्रात: पवित्र स्नान के बाद श्रीविष्णुदेव की पूजा करनी चाहिए और दिन भर यथासम्भव... ऊँ नमो नारायणाय, का जाप करना चाहिए। * एकादशी व्रत करने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं
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#Ekadashi आज का दिनः 30 जुलाई 2024 , जो श्रद्धालु एकादशी व्रत रख ते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए! - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688) * कामिका एकादशी - बुधवार, 31 जुलाई 2024 * पारण का समय - 06:02 से 08:41, 1 अगस्त 2024 * पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 15:28 * एकादशी तिथि प्रारम्भ - 30 जुलाई 2024 को 16:44 बजे * एकादशी तिथि समाप्त - 31 जुलाई 2024 को 15:55 बजे अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे। श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे।। * जीवन में कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें. * धर्मग्रंथों में... जीवन में सुख के लिए एकादशी व्रत-पूजा को उत्तम मार्ग बताया है। * जो श्रद्धालु यह व्रत रखना चाहते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए। * एकादशी के दिन पवित्र स्नानादि के पश्चात गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत आदि से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए। * इस व्रत में व्रत रखने वाले श्रद्धालु को यथासंभव बिना जल के रहना चाहिए। * अगर व्रती श्रद्धालु चाहें तो संध्याकाल मे