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बांसवाड़ा का स्वर्ण दिवस 1 नवंबर : श्रीमती इंदिरा गांधी ने माही जल-प्रवाह शुभारंभ करके वागड़ की तस्वीर और तकदीर बदल दी!

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बांसवाड़ा का स्वर्ण दिवस 1 नवंबर : श्रीमती इंदिरा गांधी ने माही जल-प्रवाह शुभारंभ करके वागड़ की तस्वीर और तकदीर बदल दी! नई दिल्ली.  देश के इतिहास में 1 नवंबर 1983 वह महत्वपूर्ण तारीख है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने बटन दबाकर दक्षिण राजस्थान की तस्वीर और तकदीर बदलने की शुरुआत कर दी. देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1 नवंबर 1983 को दक्षिण राजस्थान की सबसे बड़ी माही परियोजना की नहरों में जल-प्रवाह का शुभारंभ किया था. माही परियोजना की परिकल्पना में जहां बांसवाड़ा के पहले प्रधानमंत्री भूपेंद्रनाथ त्रिवेदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही, तो इसे शुरू कराने में वागड़ के प्रमुख आदिवासी नेता भीखाभाई का विशेष योगदान रहा, जबकि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने इसे बुलंदियों पर पहुंचाया. पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने यहां माही परियोजना के जल प्रवाह का शुभारंभ किया, तो इस क्षेत्र को सबसे अधिक समय देनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने माही परियोजना के विस्तार को नई ऊंचाइयां दी. माही परियोजना से पहले दक्षिण राजस्थान की तस्वीर कैसी थी और माही प

नवभारत साक्षरता मूल्यांकन कार्यक्रम संपन्न!

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नवभारत साक्षरता मूल्यांकन कार्यक्रम संपन्न! बांसवाड़ा.  जिले में संचालित नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022-23 के लिए लर्नर्स का प्रथम मूल्यांकन कार्यक्रम जिले के विभिन्न ब्लॉक में निर्धारित 217 मूल्यांकन केंद्रों पर संपन्न हुआ, जिसमें बारह हजार तीन सौ सात लर्नर्स  ने भाग लिया l मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी शंभूलाल नायक ने बताया कि निदेशालय साक्षरता द्वारा जिले को मूल्यांकन के लिए दस हजार लर्नर्स का लक्ष्य दिया गया था और जिले में बारह हजार तीन सौ सात लर्नर्स ने मूल्यांकन में भाग लिया l उन्होंने बताया है कि जिले के 11 ब्लॉक में निर्धारित मूल्यांकन केंद्रों पर विभागीय निर्देशानुसार मूल्यांकन कार्यक्रम संपन्न हुआ और जिला व ब्लॉक स्तर पर बनाए गए निरीक्षण दलों द्वारा निरीक्षण किया गया l जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी निरंजन द्विवेदी ने बताया कि नवभारत साक्षरता अभियान के तहत वर्ष में दो बार सितम्बर और मार्च में लर्नर्स के लिए मूल्यांकन का आयोजन होता है l उन्होंने बताया कि विभिन्न ब्लॉक में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्य पूर्ण किया गया है l  मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी शंभूलाल नायक

दैनिक नवशोभ, 17 सितंबर 2024....

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आज का दिन: 17 सितम्बर 2024   पितरों के सम्मान में श्रद्धा से करें श्राद्ध! - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  (व्हाट्सएप- 8302755688) श्राद्ध का श्रद्धा के साथ गहरा संबंध है इसीलिए कहा जाता है कि... पितरों के सम्मान में श्रद्धा से करें श्राद्ध!  भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से पितरों के दिन प्रारंभ होते है जो अमावस्या तिथि तक रहते हैं. पितरों का पितृ पक्ष के साथ विशेष संबंध माना गया है एवं धर्मग्रंथों के अनुसार अपराह्न व्यापिनी तिथि में ही श्राद्ध करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध कर्म परलोक में सूक्ष्म शरीर धारी जीव की तृप्ति करता है और श्राद्ध कर्म से पितर तृप्त होकर शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं.  * श्राद्ध के दिन.... पूर्णिमा श्राद्ध - 17 सितम्बर 2024, मंगलवार प्रतिपदा श्राद्ध - 18 सितम्बर 2024, बुधवार द्वितीया श्राद्ध - 19 सितम्बर 2024, बृहस्पतिवार तृतीया श्राद्ध - 20 सितम्बर 2024, शुक्रवार चतुर्थी श्राद्ध - 21 सितम्बर 2024, शनिवार पंचमी श्राद्ध - 22 सितम्बर 2024, रविवार षष्ठी श्राद्ध - 22 सितम्बर 2024, रविवार सप्तमी श्राद्ध - 23 सितम्बर 2024, सोमवार अष्टमी श्राद्ध - 24 सितम्

श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 12 सितम्बर 2024 : परिवर्तिनी एकादशी

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आज का दिनः  12 सितम्बर 2024   जो श्रद्धालु  एकादशी   व्रत  रख ते हैं, उन्हें  दशमी  को एक बार भोजन करना चाहिए!     - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  (व्हाट्सएप- 8302755688) * परिवर्तिनी एकादशी - शनिवार, 14 सितम्बर 2024 * पारण का समय - 06:19 से 08:46, 15 सितम्बर 2024 * पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 18:12 * दशमी तिथि प्रारम्भ - 12 सितम्बर 2024 को 23:32 * एकादशी तिथि प्रारम्भ - 13 सितम्बर 2024 को 22:30 बजे * एकादशी तिथि समाप्त - 14 सितम्बर 2024 को 20:41 बजे अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे। श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे।। * जीवन में कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें. * धर्मग्रंथों में... जीवन में सुख के लिए एकादशी व्रत-पूजा को उत्तम मार्ग बताया है। * जो श्रद्धालु यह व्रत रखना चाहते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए। * एकादशी के दिन पवित्र स्नानादि के पश्चात गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत आदि से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए। * इस व्रत में व्रत रखने वाले श्रद्धालु को यथासंभव बिना जल के रहना च

आज का दिनः 11 सितम्बर 2024, देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए व्रत!

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आज का दिनः 11 सितम्बर 2024, देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए व्रत! - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494) * महालक्ष्मी व्रत प्रारम्भ - बुधवार, 11 सितम्बर 2024 को * महालक्ष्मी व्रत पूर्ण - मंगलवार, 24 सितम्बर 2024 को * अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 10 सितम्बर 2024 को 23:11 बजे * अष्टमी तिथि समाप्त - 11 सितम्बर 2024 को 23:46 बजे * जो श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी की श्रीकृपा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें श्रीमहालक्ष्मी व्रत करना चाहिए।  * श्रीमहालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से शुरू होता है।  * यह व्रत श्रीराधा अष्टमी के दिन से किया जाता है तथा श्रीकृष्ण अष्टमी पर संपूर्ण होता है।  * इस व्रत में प्रतिदिन देवी श्रीमहालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। ऐसे करें व्रत-पूजा... * प्रात:काल पवित्र स्नान के बाद देवी श्री महालक्ष्मी की पूजा की तैयारी करें। * श्रीगणेश पूजा के बाद देवी श्रीमहालक्ष्मी के समक्ष व्रत-पूजा का संकल्प लिया जाता है। * पूजा में सोलह गांठ वाली डोरी ली जाती है और वह हाथ की कलाई पर बांधी जाती है। * प्रयास रहे कि जो भी पूजन सामग्री आदि ले

आज का दिनः 7 सितंबर 2024, श्रीगणेश की शुभ दृष्टि जीवन की सारी बाधाएं दूर करेगी!

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  आज का दिनः  7  सितंबर 2024.... श्रीगणेश की शुभ दृष्टि जीवन की सारी बाधाएं दूर करेगी! - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  (व्हाट्सएप- 8875863494) * श्रीगणेश  चतुर्थी - 7 सितम्बर 2024 * चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 6 सितम्बर 2024 को 15:01 बजे * चतुर्थी तिथि समाप्त - 7 सितम्बर 2024 को 17:37 बजे मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त.... बांसवाड़ा- 11:15 से 13:45 डूंगरपुर- 11:18 से 13:48 मुम्बई- 11:22 से 13:51 नई दिल्ली- 11:03 से 13:34 जबलपुर- 10:53 से 13:23 उज्जैन- 11:10 से 13:39   जयपुर- 11:09 से 13:40 प्रतापगढ़- 11:14 से 13:43 उदयपुर- 11:18 से 13:48 इन्दौर- 11:10 से 13:39 अहमदाबाद- 11:23 से 13:52 नागपुर- 10:57 से 13:26 नोएडा- 11:03 से 13:33 पुणे- 11:18 से 13:47 चेन्नई- 10:53 से 13:21 हैदराबाद- 11:00 से 13:28 गुरुग्राम- 11:04 से 13:35 चण्डीगढ़- 11:05 से 13:36   कोलकाता- 10:20 से 12:49 बेंगलूरु- 11:04 से 13:31  ॥ श्रीगणेश  आरती ॥ सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची। नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची। सर्वांगी सुन्दर उटि शेंदुराची। कण्ठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥ जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति। दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥

आज का दिन: 6 सितंबर 2024, हरतालिका तीज देती है अखंड सौभाग्य!

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आज का दिन: 6 सितंबर 2024,  हरतालिका तीज देती है अखंड सौभाग्य! देवी पार्वती ने भी अनजाने में भोलेनाथ की पूजा केवड़े से की थी, लेकिन.... भोलेनाथ ने उनकी पूजा स्वीकार की और केवड़े को भी फिर स्वीकार किया, इसीलिए  वागड़,  गुजरात में तो इसे केवड़ा त्रिज कहते हैं!  - प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  (व्हाट्सएप- 8302755688) * हरतालिका तीज - शुक्रवार, 6 सितम्बर 2024 * हरतालिका पूजा मुहूर्त - 06:16 से 08:46 * तृतीया तिथि प्रारम्भ - 5 सितम्बर 2024 को 12:21 बजे * तृतीया तिथि समाप्त - 6 सितम्बर 2024 को 15:01 बजे हरत मतलब- हरण और आलिका मतलब- सखी, और इसीलिए हरतालिका तीज क्योंकि देवी पार्वती की सखी उन्हें उनके पिताश्री के प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थीं शिवोपासना के लिए!  हिन्दुस्तान की महिलाओं का प्रमुख त्योहार- हरतालिका व्रत, भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन होता है। इस दिन हस्त नक्षत्र में गौरी-शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है। हिन्दू महिलाओं का यह बहुत कठोर व्रत है जिसमें व्रतधारी महिलाएं पानी तक नहीं लेती क्योंकि देवी पार्वती ने भी शिव को पाने के लिए बड़ा कठोर व्रत किया था। यों तो अलग अलग