श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 12 सितम्बर 2024 : परिवर्तिनी एकादशी

आज का दिनः 12 सितम्बर 2024 

जो श्रद्धालु एकादशी व्रत रखते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए!  


- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688)

* परिवर्तिनी एकादशी - शनिवार, 14 सितम्बर 2024
* पारण का समय - 06:19 से 08:46, 15 सितम्बर 2024
* पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 18:12
* दशमी तिथि प्रारम्भ - 12 सितम्बर 2024 को 23:32
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 13 सितम्बर 2024 को 22:30 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 14 सितम्बर 2024 को 20:41 बजे


अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे।
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे।।

* जीवन में कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें.
* धर्मग्रंथों में... जीवन में सुख के लिए एकादशी व्रत-पूजा को उत्तम मार्ग बताया है।
* जो श्रद्धालु यह व्रत रखना चाहते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए।
* एकादशी के दिन पवित्र स्नानादि के पश्चात गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत आदि से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए।
* इस व्रत में व्रत रखने वाले श्रद्धालु को यथासंभव बिना जल के रहना चाहिए।
* अगर व्रती श्रद्धालु चाहें तो संध्याकाल में दीपदान के पश्चात फलाहार ग्रहण कर सकते हैं।
* क्योंकि सुख के लिए यह व्रत है इसलिए यथासंभव पति-पत्नी, दोनों को व्रत रखना चाहिए।  
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 12  सितम्बर 2024

* शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081
* अमान्त महीना भाद्रपद, पूर्णिमान्त महीना भाद्रपद
* वार गुरुवार, पक्ष शुक्ल, तिथि नवमी - 23:32 तक, नक्षत्र मूल - 21:53 तक, योग आयुष्मान् - 22:41 तक, करण बालव - 11:45 तक, द्वितीय करण कौलव - 23:32 तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि धनु
* राहुकाल 14:01 से 15:33
* अभिजित मुहूर्त 12:03 से 12:53

गुरुवार चौघड़िया 12 सितम्बर 2024   

* दिन का चौघड़िया
शुभ - 06:18 से 07:50
रोग - 07:50 से 09:23
उद्वेग - 09:23 से 10:56
चर - 10:56 से 12:28
लाभ - 12:28 से 14:01
अमृत - 14:01 से 15:33
काल - 15:33 से 17:06
शुभ - 17:06 से 18:39 

* रात्रि का चौघड़िया
अमृत - 18:39 से 20:06
चर - 20:06 से 21:33
रोग - 21:33 से 23:01
काल - 23:01 से 00:28
लाभ - 00:28 से 01:56
उद्वेग - 01:56 से 03:23
शुभ - 03:23 से 04:51
अमृत - 04:51 से 06:18

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

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