आज का दिन : 28 अगस्त 2024, जो श्रद्धालु एकादशी व्रत रखते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए!

 

आज का दिन : 28 अगस्त 2024, 
जो श्रद्धालु एकादशी व्रत रखते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए!  


- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688)

* अजा एकादशी - 29 अगस्त 2024
* पारण का समय - 30 अगस्त 2024 (07:49 से 08:45)
* पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 07:49
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 29 अगस्त 2024 को 01:19 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 30 अगस्त 2024 को 01:37 बजे


अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे।
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे।।

* जीवन में कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें.
* धर्मग्रंथों में... जीवन में सुख के लिए एकादशी व्रत-पूजा को उत्तम मार्ग बताया है।
* जो श्रद्धालु यह व्रत रखना चाहते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए।
* एकादशी के दिन पवित्र स्नानादि के पश्चात गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत आदि से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए।
* इस व्रत में व्रत रखने वाले श्रद्धालु को यथासंभव बिना जल के रहना चाहिए।
* अगर व्रती श्रद्धालु चाहें तो संध्याकाल में दीपदान के पश्चात फलाहार ग्रहण कर सकते हैं।
* क्योंकि सुख के लिए यह व्रत है इसलिए यथासंभव पति-पत्नी, दोनों को व्रत रखना चाहिए।  

बुधवार ! श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया : 28 अगस्त 2024


श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 28 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार बुधवार, पक्ष कृष्ण, तिथि दशमी - 01:19, (29 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र मृगशिरा - 15:53 तक, योग वज्र - 19:12 तक, करण वणिज - 13:22 तक, द्वितीय करण विष्टि - 01:19,  (29 अगस्त 2024)  तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि मिथुन
* राहुकाल 12:33 से 14:08
* अभिजीत मुहूर्त - नहीं

बुधवार चौघड़िया 28 अगस्त 2024 

* दिन का चौघड़िया
लाभ - 06:13 से 07:48
अमृत - 07:48 से 09:23
काल - 09:23 से 10:58
शुभ - 10:58 से 12:33
रोग - 12:33 से 14:08
उद्वेग - 14:08 से 15:43
चर - 15:43 से 17:18
लाभ - 17:18 से 18:54
* रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 18:54 से 20:18
शुभ - 20:18 से 21:43
अमृत - 21:43 से 23:08
चर - 23:08 से 00:33
रोग - 00:33 से 01:58
काल - 01:58 से 03:23
लाभ - 03:23 से 04:48
उद्वेग - 04:48 से 06:13 

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

आज का दिन....
https://palpalindia.com/aajkadin.php

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