दैनिक नवशोभ, 26 अगस्त 2024....
जन्माष्टमी पर कृष्णा भजन.... मोहन तुम छिप के बैठे हो रिलीज!
जन्माष्टमी पर कृष्णा भजन.... मोहन तुम छिप के बैठे हो रिलीज हुआ है....
राधे.... कृष्णा राधे.... कृष्णा राधे.... कृष्णा राधे.... कृष्णा राधे.... कृष्णा राधे.... कृष्णा राधे.... कृष्णा राधे....
कृष्णा दरस को तरसे राधा तेरी.... आजा प्रीतम
सांवरे.... राह तेरी तकते तकते पथरा गए नैना
बावरे.... जी रही है राधा तेरी जोगन भेस में....
जी रही है राधा तेरी जोगन भेस में.... मोहन
तुम छिप के बैठे हो ना जाने कौन से देश
में.... मोहन तुम छिप के बैठे हो ना जाने कौन
से देश में.... राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे कृष्ण
बोलो राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे राधे राधे सुध बुध को ख बैठी राधा.... कान्हा कान्हा पुकारे निस दिन विरहा की अग्नि में जल रही हो गिरधर तेरे बिन ओ सुद बुध ख बैठी राधा कान्हा कान्हा पुकारे निस दिन बिरहा की अग्नि में जल रही हो गिरधर तेरे बिन अपनी सारी पीड़ा लिख दी उधो के संदेश में.... मोहन तुम तुम छिप के बैठे हो ना जाने कौन से देश में.... मोहन तुम छिप के बैठे हो ना जाने कौन से देश में.... राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा दरस को तरसे राधा तेरी.... आजा प्रीतम
सांवरे.... राह तेरी तकते तकते पथरा गए नैना
बावरे.... जी रही है राधा तेरी जोगन भेस
में.... जी रही है राधा तेरी जोगन भेस में....
मोहन तुम छिप के बैठे हो ना जाने कौन से
देश में.... मोहन तुम छिप के बैठे हो ना जाने
कौन से देश में.... राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे कृष्ण बोलो राधे राधे राधे राधे!
जन्माष्टमी आदेश के बहाने विपक्ष पर मोहन ने चलाया सुदर्शन चक्र!
जन्माष्टमी के अवसर पर अनेक रिपोर्ट आई हैं, इनमें ज्यादातर धार्मिक नजरिया से लिखी गई हैं, देश के प्रमुख पत्रकार कीर्ति राणा (89897 89896) कि यह रिपोर्ट कुछ हटकर है....
मध्य प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में जन्माष्टमी पर अवकाश रद्द करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के आदेश का असर यादव वोट बैंक को अपने पक्ष में मजबूत करने वाला तो है ही इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) का भी दिल जीतने वाला है। इस्कॉन के नार्थ जोन के सचिव (इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष) महामनदास इसलिये भी खुश हैं कि देश में एकमात्र मप्र ऐसा राज्य है जिसने कृष्ण का सत्य सनातन संदेश घर-घर पहुंचाने के लिये ऐसी दृढ़ता दिखाई है।सरकार के इस सकारात्मक कदम से इस्कॉन के कृष्ण भक्ति आंदोलन का महत्व और बढ़ जाएगा।
उल्लेखनीय है सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा सभी स्कूल-कॉलेजों में उत्सव आयोजित करने संबंधी मुख्यमंत्री का फरमान जारी करने के साथ ही प्रमुख मंदिरों द्वारा जन्माष्टमी पर व्याख्यान आदि के आयोजन में संस्कृति विभाग भी सहभागी बन रहा है।
सरकारी तौर पर पूरे राज्य में जन्माष्टमी पर्व मनाने के पोलिटिकल एंगल को ऐसे समझा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में ही यादव समाज ओबीसी में शामिल है और यादवों की आबादी 80-90 लाख के करीब है और कई विधानसभा में यादव वोट निर्णायक हैं। इसी के साथ समीप के हिंदी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ ही मुंबई (महाराष्ट्र) में बिहारियों के साथ यादव समाज की संख्या भी अधिक है।यूपी में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।
पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी और बिहार के यादव बहुल क्षेत्रों में भाजपा नेतृत्व ने खास तौर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को सभा-रैली के लिए भेजा था।सरकार के जन्माष्टमी मनाने संबंधी इस फरमान पर विपक्ष ने आंखें तरेरी हैं कि सरकार इसी तरह ईद और गुरुनानक जयंती भी स्कूल-कॉलेजों में मनाने का आदेश निकालेगी क्या?
पूरी खबर पढ़ें....
भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली का विश्लेषण जितना सरल दिखता है, उतना ही कठिन भी है!
- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)
देश के प्रमुख शिक्षाविद् दिवंगत डॉ. शंकरलाल त्रिवेदी के सुपुत्र देवेंद्र त्रिवेदी ने जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली शेयर की है, देखते हैं- क्या कहती है श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली....
श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी (श्रीकृष्ण की जन्म-कुंडली) : भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली का विश्लेषण जितना सरल दिखता हैं, उतना ही कठिन भी हैं !
श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था.
महानिशीथ काल में जन्में भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में थे.
भगवान का जन्म वृष-लग्न में हुआ, इस समय लग्न में केतु और चंद्रमा दोनों ही स्थित थे, भगवान के चौथे भाव में सूर्य उच्च राशि के थे, पंचम भाव में बुध कन्या राशि के हैं, जो उनकी स्वग्रही राशि हैं, छठे भाव में शुक्र और शनि के साथ शत्रुहंता योग बनते हैं, शुक्र खुद की राशि तुला में हैं और शनि तुला में उच्च राशि के थे.
ख़ुद सूरदासजी ने भगवान के जन्म-समय के दौरान आकाशीय ग्रहों की स्थिति का वर्णन अपने दोहे में किया हैं.... नंदजू मेरे मन आनंद भयो, मैं सुनि मथुराते आयो, लगन सोधि ज्योतिष को गिनी करि, चाहत तुम्ह हिं सुनायो, सम्बत्सर ईश्वर को भादों, नाम जुं कृष्ण परयो हैं, रोहिणी, बुध, आठै अंधियारी, हर्षन जो परयो हैं, वृष हैं लग्न, उच्च के उड्डपति, तन को अति सुखकारी, दल चतुरंग चलै संग इनके व्है हैं रसिक-बिहारी, चौथी रासि सिंह के दिनमनि, महिमण्डल को जीतै, करि हैं नास कंस मातुल को, निहचै कुछ दिन बीतै, पंचम बुध कन्या के सोभित, पुत्र बढ़ैगे सोई, छठएं सुक्र तुला के सुनि जुत, सत्रु बचै नहिं कोई, नीच-ऊंच जुवती बहुत भोगै, सप्तम राहु परयो हैं, केतु मुरति में श्याम बरन, चोरी में चित्त धरयो हैं, भाग्य-भवन में मकर महीसुत, अति ऐश्वर्य बढ़ैगो, द्विज, गुरूजन को भक्त होई कै कामिनी चित्त हरैगो, नवनिधि जा के नाभि बसत हैं, मीन बृहस्पति केरी, पृथ्वी भार उतारे निहचै, यह मानो तुम मेरी, तब हीं नंद महर आनंदे, गर्ग पूजि पहरायो, असन, बसन, ग़ज़ बाजि, धेनु, धन, भूरी भण्डार लुटायो, बंदीजन द्वारे जस गावै, जो जांच्यो सो पायो, ब्रज में कृष्ण जन्म को उत्सव, सुर बिमल जस गायो !
श्री सूरदासजी ने इस पद में श्रीकृष्ण के जन्म-समय के दौरान सभी तरह की आकाशीय ग्रहों की स्थिति पर विचार किया हैं, पूरा पढ़ें....
#Janmashtami आज का दिनः 26 अगस्त 2024, जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें!
* कृष्ण जन्माष्टमी.... सोमवार, 26 अगस्त 2024
* कृष्ण जन्मोत्सव- 00:11 से 00:56, 27 अगस्त 2024* कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ- 03:39, 26 अगस्त 2024
* कृष्ण अष्टमी समाप्त- 02:19, 27 अगस्त 2024
* दही हांडी - मंगलवार, 27 अगस्त 2024
* रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ - 26 अगस्त 2024 को 15:55 बजे
* रोहिणी नक्षत्र समाप्त - 27 अगस्त 2024 को 15:38 बजे
* रोहिणी नक्षत्र समाप्त - 27 अगस्त 2024 को 15:38 बजे
श्रीविष्णु के विविध स्वरूपों की नामावली का प्रतिदिन प्रात: स्मरण करने से कामयाबी के रास्ते खुल जाते हैं...
अच्युतं, केशवं, राम, नारायणं, कृष्ण, दामोदरं, वासुदेवं हरे।
श्रीधरं, माधवं, गोपिका वल्लभं, जानकी नायकं श्री रामचन्द्रं भजे।।
श्रीधरं, माधवं, गोपिका वल्लभं, जानकी नायकं श्री रामचन्द्रं भजे।।
श्रीकृष्ण के भक्त प्रत्येक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं, श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बच्चों को श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप में सजाया-संवारा जाता है. जीवन में विविध उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है, इसी क्रम में जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें!
धर्मधारणा के अनुसार... जीवन में सांसारिक समस्याओं से मुक्ति चाहिए तो श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना सर्वोत्तम है.
जीवन में अलग-अलग तरह की समस्याओं, परेशानियों से मुक्ति के लिए श्रीविष्णु के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है...
* श्रीहरि के नाम जाप से पाप मुक्ति मिलती है.
* प्रजापति के नाम जाप से मंगल कार्य सम्पन्न हो जाते हैं.
* चक्रधर की आराधना से विजय प्राप्त होती है.
* त्रिविक्रम के स्मरण से उद्देश्यपूर्ण यात्राएं सफल होती हैं.
* श्रीविष्णु के नाम जाप से औषधि का प्रभाव बढ़ जाता है.
* दामोदर के स्मरण से बंधन-मुक्ति मिलती है.
* नृसिंह का नाम शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा करता है.
* ऋषिकेश का नाम भयमुक्त करता है.
* श्रीराम पूजन विजय देने वाला है.
* वासुदेव का स्मरण प्राकृतिक प्रकोपों से बचाता है.
* सर्वेश्वर का स्मरण सार्वजनिक जीवन में सफलता प्रदान करता है.
* बलभद्र का नाम जाप निर्विघ्न कार्य सिद्धि प्रदाता है.
॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली;
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चन्द्र सी झलक;
ललित छवि श्यामा प्यारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै;
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;
अतुल रति गोप कुमारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा;
बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;
चरन छवि श्रीबनवारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;
टेर सुन दीन भिखारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
#Monday श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया : 26 अगस्त 2024
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 26 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार सोमवार, पक्ष कृष्ण, तिथि अष्टमी - 02:19, (27 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र कृत्तिका - 15:55 तक, योग व्याघात - 22:17 तक, करण बालव - 14:55 तक, द्वितीय करण कौलव - 02:19, (27 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि वृषभ
* राहुकाल 07:48 से 09:23
* अभिजीत मुहूर्त 12:08 से 12:59
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार सोमवार, पक्ष कृष्ण, तिथि अष्टमी - 02:19, (27 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र कृत्तिका - 15:55 तक, योग व्याघात - 22:17 तक, करण बालव - 14:55 तक, द्वितीय करण कौलव - 02:19, (27 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि वृषभ
* राहुकाल 07:48 से 09:23
* अभिजीत मुहूर्त 12:08 से 12:59
सोमवार चौघड़िया 26 अगस्त 2024....
* दिन का चौघड़िया
अमृत - 06:12 से 07:48
काल - 07:48 से 09:23
शुभ - 09:23 से 10:58
रोग - 10:58 से 12:34
उद्वेग - 12:34 से 14:09
चर - 14:09 से 15:45
लाभ - 15:45 से 17:20
अमृत - 17:20 से 18:55
अमृत - 06:12 से 07:48
काल - 07:48 से 09:23
शुभ - 09:23 से 10:58
रोग - 10:58 से 12:34
उद्वेग - 12:34 से 14:09
चर - 14:09 से 15:45
लाभ - 15:45 से 17:20
अमृत - 17:20 से 18:55
* रात्रि का चौघड़िया
चर - 18:55 से 20:20
रोग - 20:20 से 21:45
काल - 21:45 से 23:09
लाभ - 23:09 से 00:34
उद्वेग - 00:34 से 01:59
शुभ - 01:59 से 03:23
रोग - 20:20 से 21:45
काल - 21:45 से 23:09
लाभ - 23:09 से 00:34
उद्वेग - 00:34 से 01:59
शुभ - 01:59 से 03:23
अमृत - 03:23 से 04:48
चर - 04:48 से 06:12
चर - 04:48 से 06:12
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिन....
https://palpalindia.com/ aajkadin.php
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एक ही छत के नीचे साथ-साथ रहने के बावजूद बगैर किसी पर्याप्त कारण के पत्नी का घर के अलग कमरे में रहना पति के प्रति मानसिक क्रूरता है, यह मानते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐसे मामले की सुनवाई करते हुए पति के हक में फैसला दिया.
खबरों की मानें तो.... हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बेमेतरा के फैमिली कोर्ट के फैसले को सही करार देते हुए पति को तलाक की डिक्री को मंजूरी दे दी.
उल्लेखनीय है कि.... पति-पत्नी के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा था और समझौते की तमाम कोशिशें नाकाम हो चुकी थी.
पति-पत्नी के विवाद पर इस मामले में फैमिली कोर्ट ने पति की याचिका को स्वीकार करते हुए तलाक की डिक्री को मंजूरी देते हुए तलाक की स्वीकृति दी थी, जिसके बाद पत्नी ने फैमिली कोर्ट के निर्णय के विरोध में हाईकोर्ट में अपील दायर की, लेकिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पाया कि पत्नी के व्यवहार के कारण उन दोनों का साथ रहना संभव नहीं, इसलिए पत्नी की याचिका खारिज कर दी.
खबरों पर भरोसा करें तो.... विवाह के बाद से ही पति-पत्नी के बीच तकरार शुरू हो गई थी, परिवारवालों और समाजवालों ने हस्तक्षेप कर विवाद को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली, इतना ही नहीं, पत्नी ने अपने पति के साथ रहने से भी इनकार कर दिया.
नतीजा.... पति और पत्नी एक ही छत के नीचे रहते हुए अलग-अलग कमरों में रहने लगे, ऐसी स्थिति में पति ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 के तहत तलाक की डिक्री के लिए फैमिली कोर्ट में मामला दायर किया.
पत्नी ने अपने बयान में आरोपों से इनकार करते हुए बताया कि- शादी की रात उनके शारीरिक संबंध बने, यही नहीं, शादी के बाद अक्टूबर 2021 तक पति के साथ उसने अच्छे माहौल में शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन बिताया, लेकिन बाद में उनके बीच विवाद हुआ, इसके लिए जो दलील पत्नी ने रखी और पति के चरित्र पर जो संदेह व्यक्त किया, वह अदालत को विश्वसनीय नहीं लगा, लिहाजा.... अदालत ने राहत प्रदान करते हुए पति के हक में फैसला दे दिया!
राजस्थान बनेगा मेडिकल ट्यूरिज्म का हब, जल्द आएगी- हील इन राजस्थान पॉलिसी!
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ेंगे निवेश एवं रोजगार के अवसर....
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में राजस्थान को मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। इस दिशा में जल्द ही ‘हील इन राजस्थान‘ पॉलिसी लाई जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार किए गए पॉलिसी के प्रारूप पर शनिवार को सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा कर सुझाव लिए गए। इन सुझावों के आधार पर नीति को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में मेडिकल वेल्यू ट्यूरिज्म बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। श्रीमती सिंह ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात कर रही है। इसी सोच के साथ इस वर्ष के बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कुल बजट का 8.26 प्रतिशत प्रावधान स्वास्थ्य के लिए किया गया है। यह अब तक का सर्वाधिक बजट प्रावधान है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास किया जा रहा है। विश्व स्तरीय संस्थानों का निर्माण यहां हो रहा है। होलिस्टिक एप्रोच के साथ ऐलोपैथी एवं आयुष चिकित्सा तथा वैलनेस गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सवाई मानसिंह अस्पताल में आयुष्मान टॉवर का निर्माण, दो मेडिसिटी एवं मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना, हर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज, टेलीमेडिसिन को बढ़ावा, निजी क्षेत्र में भी कई उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थानों का प्रदेश में आना ऐसे कदम हैं, जिनसे राजस्थान मेडिकल ट्यूरिज्म की दिशा में नई ऊंचाइयां छुएगा। साथ ही, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में भी पोर्टेबिलिटी का प्रावधान जल्द ही होने से यहां बाहर के राज्यों के रोगी उपचार के लिए आ सकेंगे।
श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर उत्थान होने, वाजिब दरों पर सुगमतापूर्वक उपचार उपलब्ध होने से प्रदेश मंे मेडिकल ट्यूरिज्म की संभावनाएं तेजी से विकसित हुई हैं। नीतिगत निर्णयों के माध्यम से राज्य सरकार इन संभावनाओं को और अधिक विस्तार देना चाहती है। इससे प्रदेश न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट के रूप में सामने आएगा, बल्कि निवेश एवं रोजगार के भी बडे़ अवसर सृजित होंगे। फार्मा, होटल व्यवसाय सहित अन्य उद्यमों को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। हील इन राजस्थान पॉलिसी इन संभावनाओं को धरातल पर लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में चिकित्सा के क्षेत्र से जुडे़ विशेषज्ञों ने प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म बढ़ाने के लिए राजधानी के साथ-साथ अन्य जिलो में भी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने, सड़क एवं एयर कनेक्टिविटी को बेहतर करने, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अवसर बढ़ाने, रोगियों एवं उनके परिजनों के लिए आवास की समुचित सुविधाएं उपलब्ध करवाने, निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों को अधिक सुगम व निवेश अनुकूल बनाने सहित कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल सांइसेज के चेयरपर्सन डॉ. विकास स्वर्णकार ने कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रारूप में मेडिकल ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सभी पक्षों को बेहतर तरीके से शामिल किया गया है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे नीतिगत निर्णय भी प्रशंसनीय हैं। मणिपाल अस्पताल के निदेशक रंजन ठाकुर ने कहा कि मेडिकल ट्यूरिज्म के लिए बेहतर नीति लाने पर चिकित्सा विभाग के प्रयासों को सराहा। इण्यिन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि दूसरे राज्यों की तुलना में स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान में लागू की जा रही नीतियां ज्यादा प्रभावी हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल, मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. एमके आसेरी, आयुर्वेद विभाग के निदेशक डॉ. आनंद शर्मा, निदेशक होम्योपैथी डॉ. राजरानी यादव, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार, संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील सिंह, अतिरिक्त प्रधानाचार्य एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. भारती मल्होत्रा, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. एमएल स्वर्णकार, इटरनल हॉस्पिटल के डॉ. अजीत बाना, राजस्थान हॉस्पिटल के एमडी डॉ. सर्वेश अग्रवाल, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के कार्यकारी निदेशक डॉ. एससी पारीक, सीके बिरला हॉस्पिटल के श्री सचिन सिंह एवं भूपेन्द्र सिंह, शैलबी हॉस्पिटल के श्री विशाल शर्मा, फोर्टिस हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. माला एरून, प्रियुष हॉस्पिटल के डा योगेश गुप्ता, सीआईआई के कार्यकारी अधिकारी आशीष पाठक सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं विभिन्न निजी चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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